-एक दिवसीय भूख हड़ताल करके सरकार व प्रशासन को चेताने का काम किया
-अस्पताल, बस अड्डा, सडक़ें, सीवरेज, टोल वसूली समेत कई मुद्दों को लेकर आगे आया फेडरेशेन
गुरुग्राम, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर की सडक़ों का खराब हालत, सीवरेज की खराब हालत, सफाई की बदहाली, कूड़े के पहाड़, अधिकारियों की उदासीनता, बिल्डर्स की लूट, सरकारी अस्पताल, बस स्टैंड का निर्माण नहीं होने, टोल टैक्स पर लूट समेत सेंकड़ों समस्याओं को लेकर रविवार को गुडग़ांव आरडब्ल्यूए फेडरेशन के बैनर तले एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल करके रोष प्रदर्शन किया गया।
भूख हड़ताल में गुरुग्राम की अनेक आरडब्ल्यूए से लोगों ने शिरकत की। सरकार और प्रशासन को जगाने का काम करते हुए चेताया कि अब गुरुग्राम शहर की यह हालत सहन नहीं की जाएगी। अगर सरकार और प्रशासन ने तुरंत ही युद्ध स्तर पर कार्य शुरू नहीं किया तो जल्द ही गुरुग्राम की जनता सडक़ों पर होगी। गुडग़ांव आरडब्ल्यूए फेडरेशन के संयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता संदीप फोगाट ने कहा कि पिछले 15-20 साल से गुरुग्राम शहर के निवासियों से खेडक़ीदौला और फरीदाबाद रोड से टोल के नाम पर हजारों करोड़ रुपये लूटे जा चुके हैं। बंधवाड़ी में कूड़ा का पहाड़ आज तक खड़ा है। गुरुग्राम शहर के भीतर भी ऐसे छोटे-छोटे कूड़े के पहाड़ बन रहे हैं। आज शहर में जगह-जगह कूड़ा फैला रहता है। शहर की हर सडक़ में गड्ढे हो चुके हैं। सालों से सडक़ों का निर्माण ही नहीं किया गया है। गुरुग्राम का सरकारी अस्पताल नया बनाने के नाम पर तोड़ा गया था, जिस पर एक ईंट भी पिछले पांच साल में नहीं लगी है। अस्पताल अब पार्किंग बना दिया गया है। गुरुग्राम का बस अड्डा भी कंडम होने पर तोड़ दिया गया, मगर बनाने की दिशा में काम नहीं हुआ। टीन शेड में बस अड्डा चल रहा है। मिलेनियम सिटी शहर के लिए यह शर्म की बात है कि मूलभूत सुविधाओं के नाम पर अस्पताल, बस अड्डा, अच्छी सडक़ें, स्वच्छता यहां नहीं है। शहर में जगह-जगह पर कूड़े के ढेर लगे हैं। हर समस्या चुनावी मुद्दा बनती है, मगर चुनाव के बाद मुद्दों पर ध्यान नही नहीं दिया जाता। 20 साल बाद भी पुराने गुरुग्राम में मेट्रो का काम शुरू नहीं हो पाया है। गुरुग्राम की हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि सर्दियों में सांस लेना भी दुभर हो जाता है। शहर में बिल्डर और अधिकारी मिलकर लोगों से लूट कर रहे हैं।
संदीप फोगाट ने कहा कि ईडीसी व आईडीसी का 15 हजार करोड़ रुपया आज भी बिल्डरों के पास बकाया है। सरकार उसकी वसूली के लिए कुछ नहीं कर रही। पूरे शहर की सीवरेज प्रणाली खत्म हो चुकी है। शहर का जरूरी बुनियादी ढांचा विकसित नहीं किया गया है। शहर की हालत बद से बदतर हो चुकी है। सांसद, मंत्री, विधायक, मेयर और पार्षद शहर के हालातों को सुधारने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। जनता सुविधाओं के लिए तरस रही है। जनप्रतिनिधि वोट लेकर गायब हो गए हैं। उन्हें अब शायद जनता से कोई मतलब नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के सब्र का अब बांध टूट चुका है। अगर अब भी सरकार नहीं जागी तो वह दिन दूर नहीं जब जनता सरकार केखिलाफ सडक़ों पर खड़ी होगी। एक दिवसीय भूख हड़ताल के जरिये सरकार और प्रशासन को जगाने का प्रयास किया गया है। अगर सुधार नहीं हुआ तो फिर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
(Udaipur Kiran)
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