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सीबीआईसी ने आईएफएससी कोड के लिए सिस्टम-आधारित स्वतः अनुमोदन शुरू किया

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नई दिल्‍ली, 07 अक्‍टूबर (Udaipur Kiran News) . केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कारोबार सुगमता को बढ़ाने के लिए Indian वित्तीय प्रणाली कोड (आईएफएससी) कोड पंजीकरण के लिए प्रणाली-आधारित स्‍वत: स्‍वीकृति की शुरुआत की है.

वित्‍त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और व्यापार सुविधा को बढ़ाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए यह शुरुआत की गई है. इस नई पहल के तहत प्रणाली स्‍वत: ही उन अनुरोधों को स्‍वीकृति प्रदान करेगी, जिनमें किसी विशेष आयातक निर्यातक कोड के लिए समान प्रोत्साहन बैंक खाता और आईएफएससी कोड संयोजन पहले से किसी एक सीमा शुल्‍क केंद्र पर स्वीकृत हो चुका है और अब उसे अन्‍य स्‍थानों पर पंजीकृत किया जा रहा है.

इस प्रकार बंदरगाह अधिकारी द्वारा मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्‍यकता समाप्त हो जाएगी तथा प्रणाली सीधे ऐसे अनुरोधों को स्वीकृत कर देगी. मंत्रालय के मुताबिक यह पहल निम्‍नलिखित उद्देश्यों के लिए की गई है:- बैंक खाते और आईएफएससी कोड स्‍वीकृति अनुरोधों के त्वरित निपटान करने के लिए, अनेक बंदरगाहों पर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, निर्यातकों के बैंक खातों में निर्यात प्रोत्साहनों की तेज और निर्बाध अंतरण सुनिश्चित करने के लिए और समग्र व्यापार दक्षता बढ़ाने के लिए.

वित्‍त मंत्रालय के मुताबिक निर्यातक को सीमा शुल्क स्वचालित प्रणाली में उनके द्वारा घोषित बैंक खाते में निर्यात संबंधी लाभ मिलते हैं. आईसीईजीएटीई पर निर्यातक द्वारा अधिकृत विक्रेता कोड के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है. आयातक-निर्यातक कोड के अंतर्गत प्रोत्साहन-संबद्ध बैंक खातों और आईएफएससी कोड के पंजीकरण हेतु अनुरोधों के लिए प्रत्येक पोर्ट स्‍थानों पर सीमा शुल्क अधिकारियों की स्वीकृति आवश्यक होती थी.

मंत्रालय ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, अक्सर कार्यों की पुनरावृत्ति और अनुरोधों का लंबित होना होता था. खासकर जब एक ही बैंक खाता और आईएफएससी संयोजन कई सीमा शुल्क स्टेशनों पर पंजीकृत किया जा रहा होता था. सीबीआईसी प्रक्रियाओं को सरल बनाने, लेनदेन लागत को कम करने और भारत के कारोबारी समुदाय के लिए बेहतर सीमा शुल्क अनुभव के साथ व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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