जयपुर, 31 मई . एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने विधानसभा में उठाए गए सवालों को वापस लेने के बदले रिश्वत लेने से जुडे मामले में बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल के चचेरे भाई और सहयोगी विजय कुमार पटेल की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. पीठासीन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रकरण में अनुसंधान लंबित है और आरोपित पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. अदालत पूर्व में एमएलए की जमानत अर्जी को भी खारिज कर चुकी है.
जमानत अर्जी में कहा गया कि न तो उसने परिवादी से रिश्वत की मांग की है और ना ही उसे रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. प्रकरण में ट्रायल पूरी होने में लंबा समय भी लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक शालिनी गौतम ने कहा कि आरोपित ही रिश्वत राशि को मौके से लेकर गया था. प्रकरण में अनुसंधान चल रहा है और यदि उसे जमानत दी गई तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसकी जमानत अर्जी को खारिज की जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी थी कि एमएलए ने टोडाभीम क्षेत्र में स्थित उसकी खानों को लेकर विधानसभा में सवाल लगाए थे. इन सवालों को वापस लेने की एवज में एमएलए 2.50 करोड़ रुपए मांग रहा है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने एमएलए और उसके चचेरे भाई सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
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