भाेपाल, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के पूर्व Chief Minister और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के राजधानी भाेपाल स्थित बंगले पहुंचे. जहां दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब 45 मिनट तक चर्चा हुई. दिग्विजय सिंह, जो कि विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के धुर विरोधी माने जाते हैं. ऐसे में दाेनाें राजनेताओं की मुलाकात के बाद से ही प्रदेश के मौजूदा राजनीति गलियाराें में हलचल शुरू हाे गई है. इस मुलाकात काे पार्टी के भीतर की गुटबाजी को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
दरअसल, दिग्विजय सिंह गुरुवार काे भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित उमंग सिंघार के बंगले पहुंचे थे. दिग्विजय सिंह अकेले ही वहां पहुंचे और सिंघार ने उनका स्वागत किया. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट तक चर्चा हुई. उमंग सिंघार से मुलाकात के बाद पूर्व Chief Minister दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आदिवासी जननायक फिल्म बनाने को लेकर चर्चा हुई है. मूवी बना रहे लोगों को मुलाकात के लिए लेकर आए थे. दिग्गी ने कहा कि जिस तरह से जंगल सत्याग्रह पर फिल्म बनी उसी तरह टंट्या मामा पर भी मूवी बननी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने टंट्या मामा पर फिल्म बनाये जाने के लिए कहा था. उसका प्रोजेक्ट लेकर हम आए हैं, हमने नेता प्रतिपक्ष से निवेदन किया है कि वे Chief Minister से समय लें. दिग्विजय सिंह मुलाकात को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि टंट्या भील की फिल्म को लेकर चर्चा हुई है. मालवा और निमाड़ में टंट्या भील का बड़ा वर्चस्व है. इसके अलावा संगठन को मजबूत करने को लेकर भी बातचीत हुई है.
इस संबंध में अधिकारिक तौर पर जानकारी मिली है कि दाेनाें राजनेताओं की मुलाकात पार्टी की एकजुटता और आगामी रणनीति पर केंद्रित रही. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह मुलाकात जितेंद्र सिंह की Madhya Pradesh प्रभारी बनने के बाद की रणनीति का हिस्सा है. “कांग्रेस को 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत होना होगा. हाईकमान ने साफ कहा है कि गुटबाजी बंद हो. दिग्विजय और सिंघार जैसे बड़े नेता अगर हाथ मिला लें, तो पार्टी का आधार मजबूत होगा.” हाल के दिनों में कांग्रेस के पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी (पीएसी) की बैठकें भी गुटबाजी से प्रभावित रही. नवंबर 2024 में हुई पीएसी की पहली बैठक में दिग्विजय, कमल नाथ और सिंघार तीनों अनुपस्थित थे, जिससे सवाल उठे थे.
आपको बता दें कि उमंग सिंघार, पूर्व में यह कह चुके है कि दिग्विजय उन्हें राजनीति नहीं करने दे रहे हैं. कमलनाथ सरकार में वन मंत्री रहे सिंघार, दिग्विजय से इतना प्रताड़ित हुए थे कि उन्होंने मोर्चा खोल दिया था. उमंग सिंघार ने दिग्विजय को ब्लैकमेलर और माफिया तक कहा था. इतना ही नहीं दिग्गी पर सरकार को अस्थिर करने के साथ ही मंत्रियों से वसूली करने का भी आरोप लगाया था.
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
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