कोलकाता, 10 मई .
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों, खासकर दक्षिण 24 परगना ज़िले में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है. खाड़ी क्षेत्र में संभावित घुसपैठ और समुद्री खतरे की आशंका के बीच सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया, गुरुवार शाम से ही बंगाल की खाड़ी से सटे संवेदनशील इलाकों में निगरानी अभियान तेज़ कर दिए गए हैं. कानून-व्यवस्था एजेंसियों ने उन क्षेत्रों में तुरंत कार्रवाई शुरू की जो समुद्र के निकट होने के कारण अधिक संवेदनशील माने जाते हैं. अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों के नज़दीक स्थित इन क्षेत्रों में संभावित सुरक्षा खतरे के मद्देनज़र गश्त बढ़ा दी गई है.
शुक्रवार सुबह से दक्षिण 24 परगना ज़िले के गंगासागर, नामखाना, पाथरप्रतिमा, कैनिंग, गोसाबा और बासंती जैसे तटीय ब्लॉकों में पुलिस की उपस्थिति और भी मज़बूत की गई है. सुंदरबन पुलिस ज़िले ने अपनी निगरानी क्षमता बढ़ाते हुए नई स्पीडबोट्स तैनात की हैं ताकि किनारे, खाड़ियों और सुदूरवर्ती इलाकों में घुसपैठियों या तस्करों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके.
सुंदरबन ज़िला पुलिस अधीक्षक कोटेश्वर राव ने बताया कि सभी तटीय थानों को उच्चतम स्तर के अलर्ट पर रखा गया है. चौबीसों घंटे निगरानी के लिए मोबाइल पेट्रोलिंग और नावों के माध्यम से तटीय और नदी क्षेत्रों में गहन जांच अभियान चलाए जा रहे हैं.
बंगाल के तटीय ज़िलों में इस चौकसी की पृष्ठभूमि में खुफिया एजेंसियों की ऐसी सूचनाएं सामने आई हैं जिनमें मौजूदा भारत-पाक टकराव का लाभ उठाकर देशविरोधी तत्वों द्वारा घुसपैठ की आशंका जताई गई है. इस चुनौती से निपटने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं.
/ ओम पराशर
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