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मध्य प्रदेश राज्य परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में परिवहन सचिव मनीष सिंह की नियुक्ति के आदेश को चुनौती नोटिस जारी

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जबलपुर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एवं न्यायाधिपति विनय सराफ की खंडपीठ में शहडोल निवासी बस ऑपरेटर अजय नारायण पाठक की याचिका पर सुनवाई के पश्चात Madhya Pradesh सरकार के चीफ सेक्रेटरी एवं स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष मनीष सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है याचिका दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए निर्धारित की गई है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि मनीष सिंह की नियुक्ति गजट नोटिफिकेशन के द्वारा मार्च 2025 में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष के रूप में की गई थी. जिसमें नोटिफिकेशन के द्वारा मनीष सिंह ने अपने स्वयं के नाम से नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी कर नियुक्ति की . उस समय मनीष सिंह Madhya Pradesh राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध संचालक के रूप में कार्य कर रहे थे एवं इसके अतिरिक्त मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 68 (2) के अनुसार स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष का पद कोई भी ऐसा कर्मचारी या प्राधिकारी धारण नहीं कर सकता जिसका राज्य सरकार के द्वारा संचालित परिवहन उपक्रम में वित्तीय हित निहित हो जबकि मनीष सिंह Madhya Pradesh राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध संचालक का दायित्व संभाल रहे जिसने राज्य सरकार का वित्तीय हित समाहित है एवं अधिक रूप से परिवहन उपक्रम की श्रेणी में आता है.

इसके पश्चात अगस्त माह में मनीष सिंह की नियुक्ति Madhya Pradesh सरकार के द्वारा निगमित राज्य स्तरीय कंपनी मध्यप्रदेश यात्री परिवहन एवं अधोसंरचना लिमिटेड कंपनी जिसका कार्य बसों के संचालन के लिए किया गया है, उसका भी प्रबंध संचालक मनीष सिंह को बनाया गया. इस प्रकार मनीष सिंह मोटर व्हीकल अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत राज्य स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते रहे हैं जो कि असंवैधानिक है एवं उनके द्वारा इस पद पर किए जा रहे समस्त आदेशों को भी निरस्त करने की मांग इस याचिका के माध्यम से की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुबोध पांडे अपूर्व त्रिवेदी आनंद शुक्ला आशीष तिवारी ने भी पैरवी की.

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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