-केंद्र-राज्य के सख्त रुख से शांतिवार्ता की मुहिम शांत पड़ीबीजापुर, 05 मई . छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों के आसपास देश का सबसे बड़ा नक्सल विराेधी अभियान सोमवार 14वें दिन भी चल रहा है. सुरक्षाबलों के जमावड़े को इसी पहाड़ी पर बड़े कैडर्स के नक्सलियों के छिपे हाेने की संभावना है. नक्सली नीचे सुरक्षाबलाें के हजारों जवानों की मौजूदगी के चलते नक्सली ना तो उतरकर भाग पा रहे हैं और ना ही ज्यादा दिन पहाड़ी के ऊपर रह पाएंगे. तेलंगाना पुलिस के हाथ खड़े करने के बाद सुरक्षाबलों को इस इलाके से बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद काे साकार करने के लिए झारखंड से सीआरपीएफ की टुकड़ियां बुलाई गई हैं. इसी बीच आज सर्चिंग के दौरान एसटीएफ के दाे जवान नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर आईईडी विस्फाेट की चपेट में आने से घायल हाे गये हैं.
नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे सबसे बड़े नक्सली विराेधी अभियान को रोककर शांतिवार्ता के लिए नक्सलियाें द्वारा लगातार जारी पर्चे काे लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से चली मुहिम अब शांत पड़ गई है. माना जा रहा है कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार के सख्त रुख के चलते तेलंगाना और आंध्रा के कथित सामजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं की अब इस दिशा में पहल मंद पड़ गई है. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता भी अब इस आपरेशन को लेकर सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं . माना जा रहा है कि, केंद्र के सख्त रुख और नक्सल समर्थक का लेबल लगने से बचने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अपने आंध्र-तेलंगाना के नेताओं को शांति वार्ता के लिए की जा रही कवायद के साथ खड़े हाेने के निर्णय का संदेश भेजा है.
पुलिस सूत्राें के अनुसार सुरक्षाबलों के लगभग 24 हजार जवानों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी को चारों ओर से घेर रखा है. इसके लिए इतनी बड़ी संख्या में तैनात जवानों के लिए राशन-पानी लगातार हेलिकॉप्टर से भेजा जा रहा है. इलाके की लगातार 14वें दिन भी पहाड़ी के चप्पे-चप्पे का सर्चिंग अभियान जारी है. सुरक्षाबलों के इस जमावड़े से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश का सबसे बड़ा नक्सल विराेधी अभियान अभी और लम्बा खिंच सकता है. बताया जा रहा है कि बड़े नक्सली कैडर्स 4 महीने का राशन लेकर कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर चढ़े हैं. माना जा रहा है कि अभी भी नक्सलियाें के पास लगभग 20-25 दिनों का राशन पास बचा है. कर्रेगुट्टा के पहाड़ को जवानों के द्वारा चारों ओर से घेर लिए जाने के कारण नक्सली उतरकर भाग निकलने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.
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/ राकेश पांडे
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