नारनाैल, 15 अप्रैल . राजकीय उच्च विद्यालय हमीदपुर में मंगलवार को बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर विद्यार्थियों को बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलाई. महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सरीता शर्मा ने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) का शुभ मुहूर्त है. इस दिन बहुत अधिक शादियां होती हैं. ऐसे मुहूर्त पर बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है.
बाल विवाह करने व करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा ही नहीं बल्कि बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत कानूनन अपराध है. उन्होंने बाल विवाह को रोकने के लिए समस्त जनसाधारण गांवों के मौजिज लोगों, सरपंचों, पुजारी, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी वर्कर, टैंट हाउस, विवाह समारोह स्थल, नगर पार्षदों व समाज सेवियों से अपील की है कि आने वाली 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) के दिन आयोजित होने वाले बाल विवाह को रोकने में प्रशासन की मदद करें.
उन्होंने कहा कि मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हॉल के संचालकों, मैरिज पैलेस के मालिक अपने यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के सम्बंध में पहले दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच करें. जांच के दौरान यदि लड़के की आयु 21 वर्ष से कम व लड़की की आयु 18 वर्ष से कम है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें. उन्होंने कहा कि आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रखें. उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत बाल विवाह एक कानूनन अपराध है. इस अधिनियम के अनुसार शादी के लिए लड़कों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष व लड़कियों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए. यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करता है, तो उसे इस अधिनियम के तहत सजा व जुर्माना दोनों हो सकता है. इस अधिनियम का उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है. इस मौके पर विद्यार्थियों को बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलाई.
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/ श्याम सुंदर शुक्ला
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