जोधपुर, 11 नवम्बर (Udaipur Kiran) . Rajasthan उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश डा पीएस भाटी और न्यायाधीश अनुरूप सिंघी ने जोधपुर में Rajasthan सिविल सेवा अपीलेट अधिकरण की स्थाई पीठ की अधिसूचना 4 मई 2023 को जारी होने के बावजूद राज्य सरकार,प्रमुख विधि सचिव और अधिकरण के अध्यक्ष द्वारा वास्तविक रूप से स्थाई पीठ का क्रियान्वन नहीं किए जाने पर और दिए गए स्पष्टीकरण पर गहरा क्षोभ और असंतोष जताते हुए सरकार तथा कोर्ट के आदेश से हाजिर हुए प्रमुख विधि सचिव बिजेंद्र कुमार जैन और अधिकरण अध्यक्ष विकेश सीताराम भाले को आखिरी अवसर देते हुए जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ की सभी औपचारिकताएं और कार्रवाई तथा न्यायिक सदस्य की अविलंब नियुक्ति कर तत्काल ही नियमित सुनवाई शुरू करें,क्योंकि यह नागरिकों का बहुमूल्य कानूनी अधिकार है. उन्होंने सुनवाई की आगामी पेशी 9 दिसंबर तय की.
Rajasthan हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि न्याय आपके द्वार की भावना से जोधपुर क्षेत्र के लगभग सात हजार लंबित प्रकरण को देखते हुए 19 जुलाई 2022 को खंडपीठ ने जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ का आदेश पारित किया,जिस पर राज्य सरकार ने जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ की अधिसूचना जारी कर दी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में ही स्टाफ और गैर न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कर क्षेत्राधिकार भी तय कर दिया गया,लेकिन वास्तविक रूप से स्थाई पीठ जोधपुर में शुरू ही नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में अधिकरण ने महज 64 दिन ही बतौर चल पीठ कार्य किया. अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि इसके बाद खंडपीठ के लगातार आदेश के बावजूद भी आला अधिकारी स्थाई पीठ के वास्ते रुचि नहीं दिखा रहे है.
सात नवम्बर के खंडपीठ के आदेश पर न्यायालय में हाजिर हुए प्रमुख विधि सचिव और अधिकरण अध्यक्ष ने कहा कि वे न्यायिक सदस्य की नियुक्ति वास्ते बराबर प्रयास कर रहे हैं और अध्यक्ष ने कहा कि नियुक्ति होते ही बिना देरी जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ कार्यशील हो जाएगी. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर बिश्नोई ने कहा कि उनका प्रयास है कि अधिकरण की स्थाई पीठ जोधपुर में जल्द ही नियमित हो जाएं. भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भरत व्यास वीसी से उपस्थित हुए.
न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश डा पी एस भाटी और न्यायाधीश अनुरूप सिंघी ने राज्य सरकार के दिए गए स्पष्टीकरण पर गहरा क्षोभ और असंतोष जताया और कहा कि अधिसूचना जारी हुए ढाई साल से अधिक समय हो जाने पर ऐसा दिख रहा है कि सरकार की जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ शुरू करने की दिली इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यायिक आदेश के बाद जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ गठित कर वास्तविक क्रियान्वन नागरिकों का बहुमूल्य कानूनी अधिकार है. उन्होंने राज्य सरकार, प्रमुख विधि सचिव और अधिकरण अध्यक्ष को आखिरी अवसर देते हुए निर्देश दिए कि जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ की सभी कार्रवाई पूर्ण करें और अविलंब न्यायिक सदस्य की नियुक्ति कर तत्काल ही स्थाई पीठ का वास्तविक क्रियान्वन करें. उन्होंने आगामी पेशी 9 दिसंबर तय की.
(Udaipur Kiran) / सतीश
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