दलदल में फंसा विकास, 7 किमी, का सफर 3 घंटे मेहमीरपुर, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . Uttar Pradesh के हमीरपुर जिले के मौदहा तहसील क्षेत्र के परसदवा डेरा में प्रसव पीड़ा से कराहती रेशमा को ससुर ने बैलगाड़ी में लादकर अस्पताल पहुंचाया है. सड़क न होने से 7 किमी का सफर तीन घंटे में तय करना पड़ा.
जिले के मौदहा तहसील क्षेत्र के परसदवा डेरा गऊघाट छानी गांव से विकास को शर्मसार करने वाली तस्वीर Monday को सामने आई है. यहां प्रसव पीड़ा से तड़प रही 23 वर्षीय रेशमा को उसके ससुर ने कीचड़ और दलदल से भरे पथरीले रास्ते पर बैलगाड़ी में लादकर अस्पताल पहुंचाया. रास्ते की बदहाली का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. Saturday को रेशमा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन दलदल में तब्दील रास्ते के कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई. मजबूर होकर ससुर कृष्ण कुमार केवट ने बैलगाड़ी में बहू को लिटाया और सात किलोमीटर दूर अस्पताल के लिए निकल पड़े. हर झटके पर बहू दर्द से कराह उठती रही. यह सात किलोमीटर का सफर तीन घंटे में पूरा हुआ. जरा सोचिए क्या बीत रही होगी.
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि प्रसव की तिथि दो दिन बाद की है. कृष्ण कुमार ने कहा, अगर सड़क होती या एम्बुलेंस गांव तक आ पाती तो बहू को इतनी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती. गांव के समाजसेवी अरुण निषाद ने बताया कि उन्होंने सड़क निर्माण की मांग को लेकर 12 मार्च 2024 को छह दिन का अनिश्चितकालीन धरना दिया था. उस समय उपजिलाधिकारी ने लोकसभा चुनाव के बाद सड़क बनवाने का आश्वासन दिया था, परंतु डेढ़ साल बीतने के बाद भी सड़क आज तक कागजों से बाहर नहीं आई. अरुण निषाद ने कहा, सरकारें बदलती रहीं, पर हालात नहीं. अब न जाने कितनी रेशमाओं को इसी दलदल में से गुजरना पड़ेगा. ग्रामीणों ने अब जिला कलेक्टर, स्थानीय विधायक और Chief Minister कार्यालय से सड़क निर्माण के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
गांव के 500 ग्रामीण सालों से झेल रहे हैं यही दर्दयह दर्द केवल रेशमा का नहीं, बल्कि पूरे गांव का है. 500 से अधिक ग्रामीण हर बरसात में इसी दलदली पगडंडी से गुजरने को मजबूर हैं. मरीजों को कंधों और बैलगाड़ियों पर उठाकर अस्पताल ले जाना उनकी मजबूरी बन चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि हर बरसात में यह रास्ता दलदल में बदल जाता है, जिससे मरीजों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. वायरल वीडियो ने एक बार फिर हमीरपुर के विकास के दावों की हकीकत उजागर कर दी है. लोग सवाल पूछ रहे हैं अगर विकास गांव-गांव पहुंच चुका है, तो डेरा जैसे गांव आज भी बैलगाड़ी के सहारे क्यों हैं?
कीचड़ सूखने के बाद शुरू होगा सड़क निर्माणः सीडीओपरसदवा डेरा का वीडियो वायरल होने के बाद Monday को सीडीओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि परसदवा का डेरा में सीसी बनी हुई है,लेकिन इस मजरे के लोगों ने अपने मकान खेतों में बनवा लिये हैं. बताया कि परसदवा के डेरा सडक पर बारिश के पूर्व इसमें क्षेत्र पंचायत द्वारा मिट्टी का कार्य कराया गया था,जो बारिश के कारण खराब हो गया है. क्षेत्र पंचायत द्वारा इसे पक्का कार्य कराये जाने हेतु कार्ययोजना में शामिल कर लिया गया है. वर्तमान में रास्ते में कीचड के कारण पक्का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है. मार्ग से कीचड सूखने के उपरान्त पक्का कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा.
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
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