भारत के संविधान निर्माता और सामाजिक क्रांति के प्रणेता डॉ. बी.आर. अंबेडकर का जीवन प्रेरणाओं से भरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब वह इस्लाम अपनाने पर विचार कर रहे थे? फिर भी, उन्होंने बौद्ध धर्म को चुना। यह कहानी उनके जीवन के उस महत्वपूर्ण मोड़ की है, जिसने न केवल उनकी दिशा बदली, बल्कि लाखों लोगों को एक नया रास्ता दिखाया। आइए, इस ऐतिहासिक निर्णय के पीछे की वजहों को समझें।
एक क्रांतिकारी विचार
डॉ. अंबेडकर का जीवन दलितों और वंचितों के अधिकारों के लिए संघर्ष से भरा रहा। हिंदू समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिगत भेदभाव ने उन्हें गहरे तक प्रभावित किया। वह ऐसी व्यवस्था की तलाश में थे, जो समानता और मानवता को बढ़ावा दे। इस खोज में उन्होंने कई धर्मों का अध्ययन किया, जिनमें इस्लाम भी शामिल था। इस्लाम की समानता की शिक्षाएं उन्हें आकर्षित करती थीं, लेकिन कुछ गहरे विचारों ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने से रोक दिया।
इस्लाम से दूरी का कारण
अंबेडकर का मानना था कि किसी भी धर्म को अपनाने से पहले उसके सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों को समझना जरूरी है। उन्होंने पाया कि इस्लाम, हालांकि समानता की बात करता है, लेकिन भारत के संदर्भ में यह उनके समुदाय को पूरी तरह से एकीकृत करने में चुनौतियां पेश कर सकता था। इसके अलावा, वह नहीं चाहते थे कि उनका आंदोलन किसी अन्य धर्म के साथ टकराव का कारण बने। वह एक ऐसा रास्ता चाहते थे, जो भारतीय मिट्टी से जुड़ा हो और शांति व समानता का संदेश दे। यही वह पल था जब बौद्ध धर्म ने उनका ध्यान खींचा।
बौद्ध धर्म: एक नया रास्ता
बौद्ध धर्म में अंबेडकर को वह सब कुछ मिला, जिसकी उन्हें तलाश थी। बुद्ध की शिक्षाएं करुणा, अहिंसा, और समानता पर आधारित थीं। यह धर्म न केवल व्यक्तिगत विकास पर जोर देता था, बल्कि सामाजिक सुधार को भी प्रोत्साहित करता था। अंबेडकर ने महसूस किया कि बौद्ध धर्म भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और इसे अपनाने से उनके समुदाय को एक नई पहचान मिलेगी, बिना किसी टकराव के। 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में उन्होंने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म ग्रहण किया, जो भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बन गया।
You may also like
ये है एलर्जी के सभी रोगों का एक रामबाण उपाय
गम गवार का अचूक फायदा जानकर हैरान हो जाएंगे आप
इस पौधे ने डॉक्टरों की बोलती भी कर दी बंद। इसका हर अंग है दवा, ये बाहर निकले पेट को कम तो गठिया 1 दिन में समाप्त कर सकता है, इसका दूध उड़े हुए बालों को उगा देता
Ibrahim Ali Khan ने अपने डेब्यू फिल्म Nadaaniyan पर दी आत्म-समिक्षा
लो जी आखिर मिल गया इस बिमारी का इलाज, इस पत्ते को रात में अपने पैर पर लगा लें जड़ से खत्म हो जाएगी शुगर जैसी गंभीर बीमारी