क्या आपके पैरों के तलवों में रात-दिन जलन महसूस होती है? वो झुनझुनी और गर्माहट जो सोने नहीं देती? ये सिर्फ एक छोटी-सी परेशानी नहीं है, बल्कि ये आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा हो सकती है। कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये जलन गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये समस्या पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं उन 5 बड़े कारणों के बारे में, जो पैरों की जलन को ट्रिगर करते हैं और आपकी हेल्थ को बर्बाद करने की कगार पर ला सकते हैं।
डायबिटीज न्यूरोपैथी: शुगर का खतरनाक खेलअगर आपका ब्लड शुगर लंबे समय से कंट्रोल से बाहर है, तो ये पैरों में जलन का सबसे आम कारण बन सकता है। डायबिटीज से नसें डैमेज हो जाती हैं, जिससे तलवों में झुनझुनी, सुन्नपन और तेज जलन महसूस होती है। ये समस्या रात में और भी बदतर हो जाती है, क्योंकि ब्लड वेसल्स पर असर पड़ता है। अगर अनदेखी की, तो ये पूरे शरीर की नसों को प्रभावित कर सकती है, और डायबिटीज की जटिलताएं जैसे किडनी फेलियर या हार्ट प्रॉब्लम्स को न्योता दे सकती है। मधुमेह के मरीजों में ये बहुत कॉमन है, और समय पर इलाज न हो तो सेहत बिगड़ सकती है।
विटामिन बी की कमी: बॉडी का साइलेंट किलरक्या आप जानते हैं कि विटामिन बी-12, बी-6 या फोलेट की कमी सीधे पैरों के तलवों में जलन पैदा कर सकती है? ये विटामिन नसों को हेल्दी रखते हैं, लेकिन डाइट में कमी हो तो मसल्स और नर्व्स में तालमेल गड़बड़ा जाता है। नतीजा? लगातार जलन और कमजोरी। ये कमी लंबे समय तक रहने पर एनीमिया या न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स को जन्म दे सकती है, जो आपकी पूरी सेहत को बर्बाद कर दे। खासकर वेजिटेरियन या बुजुर्गों में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है।
अल्कोहॉलिक न्यूरोपैथी: शराब का जहरीला असरअगर आप ज्यादा शराब पीते हैं, तो सावधान! लंबे समय तक अल्कोहॉल का सेवन नसों को डैमेज कर देता है, जिससे पैरों में जलन, झुनझुनी या सुन्नपन शुरू हो जाता है। ये अल्कोहॉलिक न्यूरोपैथी कहलाती है, और ये लीवर या किडनी को भी प्रभावित कर सकती है। अगर अनदेखी की, तो ये स्थायी नर्व डैमेज का कारण बन सकती है, जो चलने-फिरने तक को मुश्किल कर दे। सेहत के लिए ये एक बड़ा खतरा है, क्योंकि ये बॉडी के दूसरे सिस्टम्स को भी बर्बाद कर सकता है।
किडनी की समस्या: टॉक्सिन्स का जहरकिडनी अगर ठीक से काम नहीं कर रही, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं, जो नसों पर असर डालते हैं। नतीजा? पैरों के तलवों में लगातार जलन। ये क्रॉनिक किडनी डिजीज का संकेत हो सकता है, जो ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से जुड़ा होता है। अगर समय पर इलाज न हो, तो ये किडनी फेलियर तक ले जा सकता है, और पूरी सेहत को तबाह कर देता है। खासकर वे लोग जो हाई बीपी या डायबिटीज से जूझ रहे हैं, उन्हें ये समस्या ज्यादा सताती है।
हाइपोथायरॉइडिज्म: थायरॉइड का छिपा खतराथायरॉइड ग्लैंड अगर सुस्त है, तो बॉडी में फ्लूइड रिटेंशन और नर्व डैमेज हो सकता है, जिससे पैरों में जलन महसूस होती है। ये हाइपोथायरॉइडिज्म कहलाता है, और ये वजन बढ़ना, थकान जैसी दूसरी समस्याओं को भी साथ लाता है। अगर अनदेखी की, तो ये हार्ट डिजीज या मेंटल हेल्थ इश्यूज को बुलावा दे सकता है, जो आपकी पूरी लाइफ को बर्बाद कर दे। महिलाओं में ये ज्यादा कॉमन है, और शुरुआती स्टेज में ही इसे कंट्रोल करना जरूरी है।
ये कारण न सिर्फ पैरों की जलन को बढ़ाते हैं, बल्कि अगर इग्नोर किए जाएं तो सेहत के दूसरे हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आपको भी ऐसी समस्या है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। घरेलू उपाय जैसे ठंडे पानी में पैर डुबोना या हल्दी का पेस्ट लगाना राहत दे सकता है, लेकिन असली कारण का इलाज जरूरी है। अपनी सेहत को हल्के में न लें, क्योंकि छोटी जलन बड़ा खतरा बन सकती है!
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