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आपके आधार पर कितने सिम एक्टिव? सरकारी पोर्टल से चेक करें और अनजान नंबर ब्लॉक करें

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आज के डिजिटल दौर में मोबाइल नंबर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं? कई बार फ्रॉड करने वाले लोग आपकी आईडी का गलत इस्तेमाल करके सिम कार्ड एक्टिवेट कर लेते हैं, जिससे आपको परेशानी हो सकती है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए TAFCOP पोर्टल लॉन्च किया है, जहां आप आसानी से चेक कर सकते हैं और अनजान नंबरों को रिपोर्ट कर ब्लॉक करवा सकते हैं। ये सर्विस टेलीकॉम डिपार्टमेंट की साइट संचार साथी का हिस्सा है, जो फ्री है और मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध है। चलिए, जानते हैं कैसे इस्तेमाल करें ये टूल, ताकि आप सुरक्षित रहें।

TAFCOP पोर्टल क्या है और क्यों जरूरी? TAFCOP का फुल फॉर्म Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection है। ये एक सरकारी पहल है जो मोबाइल यूजर्स को उनके नाम पर रजिस्टर्ड सभी मोबाइल नंबरों की लिस्ट दिखाती है। अगर कोई फ्रॉड नंबर आपके आधार या आईडी पर चल रहा है, तो आप उसे रिपोर्ट कर सकते हैं। ये पोर्टल संचार साथी वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसका मकसद है फ्रॉड रोकना। भारत में एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 9 मोबाइल कनेक्शन रख सकता है, जबकि जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ ईस्ट राज्यों में ये लिमिट 6 है। अगर इससे ज्यादा हैं, तो ऑटोमैटिक डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। ये चेक करना जरूरी है क्योंकि अनजान सिम से बैंक फ्रॉड या अन्य क्राइम हो सकते हैं।

अपने नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर कैसे चेक करें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड सबसे पहले संचार साथी की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.sancharsaathi.gov.in पर जाएं। वहां अपना मोबाइल नंबर डालें और कैप्चा भरकर OTP रिक्वेस्ट करें। आपके फोन पर एक OTP आएगा, उसे एंटर करके लॉगिन करें। लॉगिन होते ही स्क्रीन पर आपके नाम पर रजिस्टर्ड सभी मोबाइल कनेक्शन की लिस्ट दिखेगी। इस लिस्ट को ध्यान से देखें और चेक करें कि कौन-कौन से नंबर आपके या आपके परिवार के हैं। अगर कोई अनजान नंबर दिखे, तो तुरंत एक्शन लें। वैकल्पिक रूप से, आप गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से संचार साथी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और वही प्रोसेस फॉलो करें। ये प्रक्रिया सिर्फ कुछ मिनट लेती है और पूरी तरह सुरक्षित है।

फ्रॉड या अनवांटेड नंबर कैसे रिपोर्ट और ब्लॉक करें लिस्ट में अगर कोई नंबर आपको पहचाना हुआ नहीं लगे, तो उसके सामने ‘यह मेरा नंबर नहीं है’ या ‘नॉट रिक्वायर्ड’ का ऑप्शन चुनें। फिर ‘रिपोर्ट’ बटन पर क्लिक करें। रिपोर्ट करने के बाद सर्विस प्रोवाइडर को वो नंबर दोबारा वेरिफाई करना पड़ता है। अगर वेरिफिकेशन फेल होता है, तो 30 दिनों में आउटगोइंग सर्विस बंद, 45 दिनों में इनकमिंग और 60 दिनों में पूरी तरह डिस्कनेक्ट हो जाता है। अगर यूजर इंटरनेशनल रोमिंग पर है या कोई स्पेशल केस है, तो एक्स्ट्रा 30 दिन मिल सकते हैं। अगर बहुत ज्यादा कनेक्शन फ्रॉड लगें, तो पुलिस में FIR दर्ज कराएं। इस तरह आप फ्रॉड से बच सकते हैं और अपनी आईडी को सेफ रख सकते हैं।

कुछ जरूरी टिप्स और सावधानियां हमेशा समय-समय पर इस पोर्टल पर चेक करें, खासकर अगर आपको संदिग्ध कॉल्स या मैसेज आ रहे हों। याद रखें, मोबाइल कनेक्शन ट्रांसफर नहीं किए जा सकते, सिर्फ ब्लड रिलेटिव्स को नाम चेंज की परमिशन है वो भी नई सिम लेकर। अगर आप MNP (मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी) चाहते हैं, तो पहले री-वेरिफिकेशन जरूरी है। ये सर्विस सभी टेलीकॉम कंपनियों जैसे Jio, Airtel, Vi पर लागू होती है। अगर कोई समस्या आए, तो संचार साथी हेल्पलाइन पर संपर्क करें। इस तरह की चेकिंग से आप न सिर्फ खुद को बल्कि समाज को फ्रॉड से बचा सकते हैं।

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