प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन हमेशा से खास रहा है, लेकिन इस बार तो कुछ और ही बात है। 17 सितंबर को उनके जन्मदिन पर शुरू हुईं पांच बड़ी योजनाएं देश की सड़कों, घरों और जिंदगियों में तेजी से असर दिखा रही हैं। इनमें से एक है पीएम विश्वकर्मा योजना, जो कारीगरों को नई उड़ान दे रही है, तो स्वच्छ भारत मिशन जैसी स्कीम साफ-सफाई के जरिए लाखों बीमारियों से लड़ रही है। आइए, जानते हैं इन योजनाओं के ग्राउंड इम्पैक्ट को, जो आम आदमी की जिंदगी को आसान बना रही हैं। ये योजनाएं न सिर्फ कागजों पर हैं, बल्कि गांव-गांव, शहर-शहर में बदलाव ला रही हैं।
पीएम विश्वकर्मा: कारीगरों की किस्मत संवारने वाली स्कीमपीएम विश्वकर्मा योजना का लॉन्च तो ठीक मोदी जी के जन्मदिन पर ही हुआ था। ये कारीगरों और शिल्पकारों के लिए बूस्टर शॉट की तरह है, जो हाथों से काम करने वालों को सम्मान, ट्रेनिंग और पैसे देती है। योजना के तहत बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन से आईडी कार्ड मिलता है, बेसिक और एडवांस्ड स्किल ट्रेनिंग होती है। साथ ही, 15 हजार रुपये का टूलकिट इंसेंटिव और बिना गारंटी के लोन – पहले 1 लाख, फिर 2 लाख रुपये – सिर्फ 5% ब्याज पर। डिजिटल ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट भी है। ग्राउंड पर इसका असर कमाल का है। लाखों कारीगर अब अपनी क्राफ्ट को मॉडर्न टच दे रहे हैं, एमएसएमई चेन से जुड़ रहे हैं। गुजरात से बिहार तक, छोटे कारोबार फल-फूल रहे हैं, रोजगार बढ़ा है। एक कारीगर ने बताया, “पहले टूल्स की कमी थी, अब लोन से नया सेटअप कर लिया, बिजनेस दोगुना हो गया।” ये योजना पारंपरिक स्किल्स को नई जिंदगी दे रही है।
स्वच्छ भारत मिशन: साफ-सुथरा भारत का सपना साकारस्वच्छ भारत मिशन तो मोदी जी का फ्लैगशिप प्रोग्राम है, जो जन्मदिन के मौके पर हमेशा नई ऊर्जा पाता है। 2014 में लॉन्च हुई ये स्कीम ओपन डेफिकेशन खत्म करने और वेस्ट मैनेजमेंट सुधारने पर फोकस करती है। ग्राउंड इम्पैक्ट? जबरदस्त! पहले 38% ग्रामीण घरों में टॉयलेट थे, अब 98% से ज्यादा। नेचर जर्नल के मुताबिक, ये मिशन ने 60-70 हजार शिशु मौतें रोकी हैं। गांवों को ओडीएफ बनाया गया, शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट बेहतर हुआ। जन्मदिन पर ब्लड डोनेशन कैंप्स और स्वच्छता अभियान चलते हैं, जो लोगों को जोड़ते हैं। एक गांववासी कहते हैं, “पहले गंदगी से बीमारियां फैलती थीं, अब टॉयलेट से परिवार स्वस्थ है।” फेज-2 में 2020-25 तक और मजबूती आ रही है, नमामी गंगे और गोबरधन जैसे प्रोजेक्ट्स वेस्ट को बायोगैस में बदल रहे हैं। ये मिशन न सिर्फ साफ भारत, बल्कि हेल्दी इंडिया बना रहा है।
आयुष्मान भारत: गरीबों के लिए हेल्थ कवर की ढालआयुष्मान भारत योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान है। ये 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस देती है, जो क्वालिटी हेल्थकेयर पहुंचाती है। जन्मदिन के मौके पर इसके तहत नई पहलें शुरू होती रहती हैं। ग्राउंड पर, लाखों परिवार जो पहले इलाज के लिए कर्ज लेते थे, अब फ्री ट्रीटमेंट ले रहे हैं। वल्नरेबल फैमिलीज को टारगेट कर, ये स्कीम हॉस्पिटल विजिट्स को आसान बनाती है। एक बेटी ने शेयर किया, “पापा का ऑपरेशन हो गया, बिना पैसे खर्चे।” नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन से रिकॉर्ड्स डिजिटल हो गए, जो ट्रीटमेंट को तेज बनाते हैं। इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष 3.0 से वैक्सीनेशन भी बढ़ा। ये योजना हेल्थ प्रॉब्लम्स को जड़ से कम कर रही है।
सेवा पखवाड़ा: जन्मदिन पर देशव्यापी सेवा का जज्बामोदी जी का जन्मदिन सेवा पखवाड़ा या सेवा पर्व से शुरू होता है। बीजेपी वर्कर्स ब्लड डोनेशन कैंप्स, स्वच्छता अभियान और हेल्प प्रोग्राम्स चलाते हैं। ये 15 दिनों का फेस्टिवल है, जो सिटिजंस वेलफेयर पर फोकस करता है। ग्राउंड इम्पैक्ट में, लाखों लोग जुड़ते हैं – ओडिशा से दिल्ली तक। 2024 में ओडिशा में सुभद्रा योजना लॉन्च हुई, जो महिलाओं को 50 हजार रुपये 5 साल में देगी। रेलवे और हाईवे प्रोजेक्ट्स भी ग्राउंड ब्रेकिंग होते हैं। ये पर्व लोगों को जोड़ता है, कम्युनिटी स्ट्रॉन्ग बनाता है। एक वॉलंटियर बोले, “सेवा से खुशी मिलती है, मोदी जी का जन्मदिन सबका बन जाता है।”
अन्य योजनाएं: विकास की रफ्तार पकड़ती हुईजन्मदिन पर नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी जैसे प्रोजेक्ट्स भी लॉन्च होते रहे हैं, जो ट्रांसपोर्ट को सस्ता बनाते हैं। सरदार सरोवर डैम डेडिकेटेशन से पानी की उपलब्धता बढ़ी। AMRUT 2.0 और नमामी गंगे से शहर साफ हो रहे, गंगा स्वच्छ। गोबरधन स्कीम वेस्ट को एनर्जी में बदल रही। कुल मिलाकर, ये 5 योजनाएं ग्रामीण-शहरी गैप कम कर रही हैं, इकोनॉमी बूस्ट कर रही हैं। 9600 करोड़ के प्रोजेक्ट्स से जॉब्स क्रिएट हो रहे।
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