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फैटी लिवर को कैंसर में बदलने वाली आदतें, WHO ने गिनाईं 6 खतरनाक गलती, अभी सुधार लें!

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फैटी लिवर डिजीज आज एक आम समस्या बन चुकी है, जो लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। इस बीमारी में लिवर में जरूरत से ज्यादा चर्बी जमा हो जाती है, जो आगे चलकर गंभीर खतरे पैदा कर सकती है। यह दो तरह की होती है – अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, जो ज्यादा शराब पीने से होती है, और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, जो उन लोगों में होती है जो शराब कम या बिल्कुल नहीं पीते। अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया जाए, तो यह लिवर में सूजन, सिरोसिस (लिवर का सख्त और खराब होना) और यहां तक कि लिवर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अगर आप फैटी लिवर से पीड़ित हैं और इसे कैंसर में बदलने से रोकना चाहते हैं, तो अपनी रोजमर्रा की कुछ आदतों में तुरंत बदलाव करना जरूरी है। आइए जानते हैं, कौन सी गलतियां आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

शराब का ज्यादा सेवन

शराब का अधिक सेवन लिवर के लिए जहर की तरह काम करता है। यह लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, सूजन को बढ़ाता है और स्कारिंग को तेज करता है। इससे लिवर तेजी से खराब हो सकता है और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप शराब पीते हैं, तो इसे तुरंत कम करें या पूरी तरह छोड़ दें।

ज्यादा चीनी खाना

मीठे ड्रिंक्स, मिठाइयां और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे खाद्य पदार्थ लिवर में चर्बी जमा करने का काम करते हैं। बार-बार शुगर लेवल बढ़ने से लिवर में फैट जमा होता है, जो समय के साथ सूजन और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। अपनी डाइट में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करें।

गलत लाइफस्टाइल

लंबे समय तक बैठे रहना और शारीरिक गतिविधि की कमी लिवर को कमजोर करती है। इससे शरीर में फैट जमा होता है और लिवर की सफाई प्रक्रिया बाधित होती है। अगर आप एक्टिव लाइफस्टाइल नहीं अपनाते, तो फैटी लिवर धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले सकता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।

जंक फूड का जाल

फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें और प्रोसेस्ड फूड लिवर पर भारी पड़ते हैं। इनमें मौजूद ज्यादा नमक, तेल और प्रिजर्वेटिव्स लिवर में फैट जमाने और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। लंबे समय तक इनका सेवन लिवर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। हेल्दी और घर का बना खाना चुनें।

लक्षणों को अनदेखा करना

थकान, पेट में भारीपन या दर्द जैसे शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ये फैटी लिवर के संकेत हो सकते हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो लिवर सिरोसिस और कैंसर की ओर बढ़ सकता है। अपने लक्षणों पर ध्यान दें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

नींद और तनाव का असर

लगातार तनाव और नींद की कमी लिवर की मरम्मत प्रक्रिया को बाधित करती है। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है और शरीर का डिटॉक्स सिस्टम कमजोर पड़ता है। नतीजा, लिवर में फैट और ज्यादा जमा होता है, जो सालों बाद कैंसर का कारण बन सकता है। पर्याप्त नींद और तनाव कम करने की कोशिश करें।

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