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योगी सरकार का TET पर चौंकाने वाला फैसला! शिक्षकों के लिए नया आदेश जारी

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) की अनिवार्यता को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर रिवीजन याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह फैसला प्रदेश के लाखों शिक्षकों के लिए राहत की खबर हो सकता है।

अनुभवी शिक्षकों की योग्यता पर भरोसा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक अनुभव और योग्यता में किसी से कम नहीं हैं। समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ऐसे में उनके अनुभव और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। योगी सरकार का यह कदम शिक्षकों के हित में उठाया गया है, ताकि उनकी नौकरी और प्रमोशन की राह आसान हो सके।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि टीईटी पास करना सभी नए शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, जो शिक्षक पहले से नौकरी कर रहे हैं और प्रमोशन की चाहत रखते हैं, उन्हें भी टीईटी पास करना होगा। कोर्ट ने साफ कर दिया कि बिना टीईटी पास किए न तो नई नौकरी मिलेगी और न ही प्रमोशन का रास्ता खुलेगा।

5 साल से कम सेवा वालों को राहत

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों की नौकरी में 5 साल से कम समय बचा है, उन्हें टीईटी पास करने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे शिक्षक रिटायरमेंट तक अपनी नौकरी जारी रख सकते हैं। हालांकि, अगर वे प्रमोशन चाहते हैं, तो उनके लिए भी टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।

टीईटी पास करने के लिए दो साल की मोहलत

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जो शिक्षक शिक्षा का अधिकार कानून (2009) लागू होने से पहले नियुक्त हुए हैं और जिनके पास 5 साल से ज्यादा सेवा बाकी है, उन्हें अगले दो साल में टीईटी पास करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं कर पाए, तो उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। ऐसे शिक्षकों को केवल टर्मिनल बेनिफिट्स ही मिलेंगे।

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