मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक मदरसा उस समय चर्चा में आ गया जब उसने एक 13 साल की छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांग लिया। यह मामला तब सामने आया जब एक परिजन अपनी बेटी का दोबारा दाखिला कराने मदरसे पहुंचे। आइए जानते हैं इस चौंकाने वाले मामले की पूरी कहानी।
13 साल की छात्रा और वर्जिनिटी सर्टिफिकेट का विवादमुरादाबाद के इस मदरसे में एक 13 साल की छात्रा का मामला सुर्खियां बटोर रहा है। यह छात्रा चंडीगढ़ की रहने वाली है और कक्षा 7वीं में पढ़ती थी। नए सत्र में उसे 8वीं कक्षा में दाखिला लेना था। अगस्त में वह छुट्टियां मनाने अपने पिता के साथ चंडीगढ़ गई थी। इस दौरान उसकी मां अपनी बीमार मां से मिलने प्रयागराज चली गई थीं, जिसके चलते छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली थी। छुट्टियों के बाद जब वह madrasa लौटी, तो प्रबंधन ने उससे वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की मांग कर दी।
मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा और एडमिशन इंचार्ज मौलाना शाहजहां ने दावा किया कि उन्हें सूचना मिली थी कि छात्रा के अपने पिता के साथ “अवैध संबंध” थे। इस आधार पर उन्होंने री-एडमिशन के लिए वर्जिनिटी सर्टिफिकेट की शर्त रखी। यह शर्त सुनकर परिजन और स्थानीय लोग हैरान रह गए।
मौसी के कॉल ने बढ़ाया विवादमदरसा प्रबंधन का कहना है कि एक महिला, जो खुद को छात्रा की मौसी बता रही थी, ने फोन करके बताया कि छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली थी और इस दौरान उनके बीच “संबंध” बन गए। इसी कॉल के आधार पर मदरसे ने यह शर्मनाक शर्त रखी। हालांकि, इस कॉल की सत्यता की जांच अभी जारी है। इस मामले ने मदरसे की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने की कार्रवाई, मौलाना जेल मेंइस मामले में पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और मौलाना शाहजहां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा की तलाश जारी है। खबर है कि रहनुमा ने 9 दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया है, जिसके चलते पुलिस उनकी गिरफ्तारी से पहले कानूनी सलाह ले रही है। इसके अलावा, madrasa प्रबंधन के अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है।
37 साल पुराना है यह मदरसामुरादाबाद के दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के पास स्थित जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज पिछले 37 सालों से छात्राओं की शिक्षा और परवरिश का काम कर रहा है। यह madrasa अरब देशों से मिलने वाली जकात की मदद से चलता है। इसका परिसर करीब 100 बीघा में फैला हुआ है, जहां छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां पढ़ने वाली छात्राएं अपने शिक्षाकाल के दौरान हॉस्टल में रहती हैं और केवल एक कक्षा पास करने के बाद 15 दिन की छुट्टी में घर जा सकती हैं।
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